बलसागर भारत
-- साने गुरुजी
हिन्दी अनुवाद -- लीना मेहेंदले
[Can be sung with the same tune as original Marathi]
बलसागर होवे भारत
विश्व में रहे अपराजित।
ये कंकण बाँधा कर में
जीवन हो जनसेवा में
हों प्राण राष्ट्र के हित में
मैं मरने को भी उद्यत
बलसागर होवे भारत।
वैभव दिलवाऊँ इसको
सर्वस्व सौंप दूँ इसको
तिमिर घोर संहारन को
तुम बंधु, बनो सहायक
बलसागर होवे भारत।
हाथों में हाथ मिलाकर
हृदयों से हृदय जुडाकर
एकता मंत्र अपनाकर
हो जाएं कार्यों में रत
बलसागर होवे भारत।
कर ऊँची दिव्य पताका
गूँजाओ गीत भारत का
विश्व में पराक्रम इसका
दिग् दिगन्त गूँजे स्वागत
बलसागर होवे भारत।
अब उठो श्रम करो सार्थ
दिखलाना है पुरुषार्थ
यह जीवन ना हो व्यर्थ
चमकाओ भाग्य का सूरज
बलसागर होवे भारत।
भारत माँ फिर सँवरेगी
प्रभुता भी दिव्य पाएगी
विश्व में शांति लाएगी
वह स्वर्णिम दिन है निश्चित
बलसागर होवे भारत।
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Friday, August 3, 2007
बलसागर भारत -- साने गुरुजी-- हिन्दी अनुवाद
प्रस्तुतकर्ता लीना मेहेंदळे पर 12:14 PM
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1 comment:
नमस्कार. आपला कवितेचा अनुवाद आवडला. ही कविता मुळातच भारतीयतेवर असल्याने तिचा अनुवाद करण्यास माझी काहीही हरकत नाही. :)
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